प्राकृतिक रूप से बनने वाला शिलाजीत हजारों साल के बाद तैयार होता है। शोधकर्ताओं की मानें तो यह यूफोरबिया, रायलियाना और ट्राईफोलिया रेपेंस जैसी पौधों की प्रजातियों के अपघटन के बाद तैयार होता है। शिलाजीत प्रकृति का एक अनमोल उत्पाद है जिसके कई लाभ देखे गए हैं।
EducateFarm के इस लेख में हमने शिलाजीत के फायदे हिंदी, खाने का तरीका और उसका प्रयोग कैसे करते हैं उसके बारे में बतलाया है। इसके अलावा आपके सवालों के जवाब का भी व्याख्या किया है। साथ ही शिलाजीत के नुकसान पर भी चर्चा की गई है।
शिलाजीत क्या है?
यह एक ऐसा खनिज पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय की चट्टानों और भारतीय उपमहाद्वीपो की पर्वतमालाओं में पाया जाता है।
यह पौधा हजारों वर्षों से चट्टानों के बीच दबे पौधों और पौधों की सामग्री के विघटन से बनता है इसलिए इसे दुर्लभ पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है।
शिलाजीत एक गाढ़ा भूरे रंग का रसेदार और चिपचिपा पदार्थ है जिसका उपयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि शिलाजीत का उल्लेख हमारे ग्रंथों में भी हुआ है। चक्र संहिता और सुश्रुत संहिता में इसे सोने जैसी धातु का पत्थर और चिपचिपे पदार्थ के रूप में बतलाया गया है।
औषधीय गुणों से भरपूर यह पदार्थ कई शारीरिक समस्याओं से बचाव व उनके असर को कम करने में मदद करता है। इसमें 80 से भी ज्यादा ऐसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बहुत अच्छे होते हैं।
इसके सेवन से न केवल सेक्स पावर ( Sex Power ) बढ़ती है बल्कि बुढ़ापा भी दूर रहता है। आयुर्वेद में इसको शक्ति वर्धक कहा गया है। जिसका अर्थ है :- ” कमजोरी को दूर करने वाला और पहाड़ों को जीतने वाला “।
क्या आप जानते हैं?
शोधकर्ताओं के अनुसार शिलाजीत से गौमूत्र जैसी गंध आती है और इसका रंग सफेद से लेकर गाढ़ा भूरा के बीच कुछ भी हो सकता है। इस शुद्ध शिलाजीत का सेवन महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद और लाभकारी माना जाता है।
शिलाजीत | तथ्य |
लैटिन नाम | एस्फैल्टम पंजाबिअनम |
सामान्य नाम | ऐस्फाल्ट, मिनरल पिच, मिनरल वैक्स, शिलाजीत |
संस्कृत नाम | शिलाजतु |
भौगोलिक विवरण | भारत में शिलाजीत हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसके अलावा चीन, तिब्बत, नेपाल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी पाया जाता है। |
शिलाजीत का इस्तेमाल कैसे करें?
Market में शिलाजीत को आप तरल ( liquid ) और पाउडर ( Powder ) दोनों रूपों में देखेंगे।
इसका उपयोग निर्देशानुसार ही करना चाहिए क्योंकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करना आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए इसके खाने का तरीका समझना बहुत जरूरी है।
हम यहां आपको कुछ विकल्प दे रहे हैं कि शिलाजीत का इस्तेमाल किस प्रकार करना है :-
- शिलाजीत पाउडर का सेवन आप इलायची के दाने और शहद के साथ कर सकते हैं।
- इसके अलावा घी या मक्खन के साथ भी शिलाजीत पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
- दूध के साथ शिलाजीत पाउडर को दिन में दो बार ले सकते हैं।
- नारियल तेल भी एक अच्छा विकल्प है जिसके साथ इसका सेवन किया जा सकता है।
शिलाजीत कब खाएं :- डॉक्टर द्वारा इसके खाने का समय रात के सोने से पहले और व्यायाम करने से पहले किया जा सकता है।
शिलाजीत की कितनी मात्रा खाएं :- आमतौर पर प्रतिदिन इसका 300 से 500 मिलीग्राम मात्रा का उपयोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है। लेकिन यह मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है।
शिलाजीत के फायदे – Benefits of Shilajit in Hindi

आयुर्वेद और विज्ञान में इसके कई फायदे देखे गए हैं। हम यहां क्रमवार उसके बारे में बता रहे हैं जिन्हें जानने के बाद इसकी उपयोगिता को आसानी से समझा जा सकता है।
दिमाग की शक्ति को बढ़ाएं
शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में फुलविक एसिड ( Fulvic acid ) होता है जो दिमागी शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार हमारे शरीर में असामान्य रूप से उत्पन्न हो रहे ताऊ प्रोटीन ( Tau Protein ) को फुलविक एसिड रोकता है।
इसके अलावा अल्जाइमर के लक्षणों में सुधार करता है। हालांकि इसकी नैदानिक परीक्षण और शोध अभी भी हो रही है। शिलाजीत को नॉट्रोपिक के रूप में वर्गीकरण किया गया है। जिसका अर्थ होता है :- नई चीजों को सीखने के लिए मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाना।
यह दिमाग को पोषित करने के साथ स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है। इस आधार पर यह कहना सही होगा कि यह व्यक्ति की याद रखने की क्षमता को बढ़ाकर दिमागी शक्ति को बढ़ाता है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें
आजकल की जीवन शैली के कारण अधिकतर लोग उच्च रक्तचाप जो कि एक हृदय रोग है से परेशान है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए शिलाजीत एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार इसमें एंटीहाइपरटेंसिव का प्रभाव होता है जो इसका एक औषधीय गुण हैं। इसका सेवन करने से न केवल रक्तचाप सामान्य स्थिति में रहता है बल्कि मानव हृदय रोगों से भी मुक्त हो जाता है।
अर्थराइटिस व गठिया में पहुंचाए आराम
आज के समय में गठिया की समस्या का सामना बहुत से लोग अपने जीवन में कर रहे हैं खासकर जो बुढ़ापा की स्थिति में है।
यह जोड़ों का शत्रु है और जोड़ों में सूजन एवं अकड़न से जोड़ों का दर्द बढ़ाता है। चूहों पर आधारित साइंटिफिक रिपोर्ट्स यह कहती है कि अश्वशिला जो की आयुर्वेदिक दवा है वह गठिया ( अर्थराइटिस ) समस्या को दूर करती है।
शोध में यह भी पाया गया है कि शिलाजीत में सेलेनियम पाया जाता है जिसके कारण इसमें सूजन को कम करने वाला एंटी इन्फ्लेमेटरी का प्रभाव मौजूद होता है। जो अर्थराइटिस के प्रकार ओस्टियोआर्थराइटिस में भी राहत दिलाता है।
इस आधार पर यह कह सकते हैं कि शिलाजीत गठिया की सूजन को कम करने, जोड़ों की जड़ों को मजबूत करने और उसमें रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक है।
दिल को रखें स्वस्थ
यह हृदय को मज़बूत बनाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रबल कर संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
एक शोध के अनुसार शिलाजीत के फायदे हिंदी दिल में खून के दौरे को सुधरता है और स्वस्थ तरीके से खून को पंप करने में मदद करता है।
इसके अलावा इसमें एक डाइटरी सप्लीमेंट होता है जिसका सेवन दिल को दुरुस्त रखता है। ध्यान रहे यदि आप दिल की बीमारी से पीड़ित हैं तो शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
मोटापा कम करें
शोधकर्ताओं ने इसमें मोटापा कम करने का भी गुण पाया है। यह शरीर में थकान को कम कर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है।
यह हमारे शरीर में जीन को एक्टिव करता है जिससे मसल्स फिर से वर्कआउट ( Workout ) के लिए तैयार हो जाते हैं।
जर्नल ऑफ मेडिसिनल फूड (Journal of Medicinal Food) के शोध के मुताबिक मोटापे से ग्रस्त लोग जब शुद्ध शिलाजीत का डोज लेते हैं तो उनकी वर्कआउट इंटेंसिटी पहले से बेहतर हो जाती है। हमारा शरीर जब एक्स्ट्रा वेट उठाता है तो मसल्स जल्दी थक जाते हैं जिससे हड्डियों पर स्ट्रेस आ जाता है।
शिलाजीत शरीर को एक्सरसाइज ( Exercise ) करने के लिए ज्यादा ताकत देता है। जिसका परिणाम यह होता है कि आपका शरीर हैवी वर्कआउट कर पाता है और ज्यादा से ज्यादा कैलोरी को बर्न करता है जिसके कारण वजन कम हो जाता है।
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डायबिटीज से दिलाए राहत
आज विश्व में बहुत से लोग मधुमेह ( डायबिटीज ) से पीड़ित है। शिलाजीत में एंटी-डायबिटिक ( ब्लड शुगर को कम करने वाला ) गुण होता है जिसके कारण हमारे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा यह मधुमेह में सुधार लाता है इसलिए इसे मधुमेह विनाशक भी कहते हैं।
अध्ययनों के अनुसार शिलाजीत के फायदे हिंदी हमारे शरीर के रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम कर ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करने में मदद करता है।
जिन लोगों को मधुमेह ( डायबिटीज ) की समस्या है उन्हें एक चम्मच शहद तथा त्रिफला चूर्ण के साथ दो रत्ती शिलाजीत को मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके डायबिटीज ( मधुमेह ) की समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाएगी।
केलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक
चूहों के शोध में यह पाया गया कि शिलाजीत का एक अहम गुण संपूर्ण लिपिड प्रोफाइल ( कोलेस्ट्रॉल, ट्रिगलिसेराइड और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन ) को सुधारता है। इस गुण के कारण शिलाजीत बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के मामले में लाभकारी साबित हुआ।
हाई कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के रक्त प्रवाह में बाधा डालता है जिसके कारण दिल के दौरे जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा हमारे शरीर के रक्त में स्वस्थ कोलेस्ट्रोल का स्तर बनाकर इस रोग से मुक्ति दिलाने में सहायता करता है।
इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से शिलाजीत छुटकारा दिलाता है।
एनीमिया का प्रबल उपचार
एनीमिया की समस्या हमारे शरीर में आयरन की कमी की वजह से होती है। इसके कारण हमारे शरीर में थकान सांस लेने की समस्या और चक्कर जैसी स्थितियां पैदा हो जाती है।
चूहों पर किए गए रिसर्च में यह पाया गया कि शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। इसके अलावा एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी से यह बात पता चलती है कि शिलाजीत शरीर में आयरन अर्थात खून की पूर्ति कर शरीर को फुर्ती से भर देता है।
इस तथ्य को देखते हुए यह माना जा सकता है कि शिलाजीत एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी और फायदेमंद है।
यौन शक्ति बढ़ाएं, मर्दानगी में लाभ पहुंचाए
इसमें पुरुष यौन क्षमता से संबंधित हार्मोन ( टेस्टोस्टेरॉन ) को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है। इसका सेवन प्राचीन काल में लोग मुख्य रूप से कमजोरी को दूर भगाने और जवान रहने के लिए करते थे।
इस गुण की वजह से इसे ऊर्जा और शक्ति का नाम दिया गया। पुरुष स्पर्म का कम होना ( ओलिगोस्पर्मिया ) और बैक्टीरियल इंफेक्शन, यह सभी समस्या इसके सेवन से ठीक हो सकती है।
यह हमारे शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर बुढ़ापे के लक्षणों एवं शारीरिक कमजोरी को दूर करता है। इसके अलावा यह शरीर के यौन शक्ति को फुर्ती से भर देता है जिसके कारण यौन संभोग ( Sexual Intercourse ) आनंदमय हो जाता है।
मूत्र संबंधी समस्याओं में उपयोगी
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेदा रिसर्च के एक शोध में यह बताया गया है कि शिलाजीत मूत्र संबंधी समस्याओं से निजात दिलाता है। इसके अलावा एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि शिलाजीत गुर्दे और मूत्राशय को स्वस्थ रखता है।
इसमें प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला इम्यूनोस्ट्यूमुलेंट गुण पाया जाता है जिसके कारण मूत्र में जलन और पथरी जैसी समस्याओं को दूर करने में शरीर की मदद करता है।
आयुर्वेद में इसका उपयोग गुर्दे की कार्य क्षमता बढ़ाने और मूत्राशय को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है।
यौन विकारों के लिए लाभकारी
हमारे सबसे प्राचीन मानव यौन व्यवहार साहित्य – “काम सूत्र” में शिलाजीत का उल्लेख किया गया है। जिसमें यह बताया गया है कि यह एक बहुत ही उत्तम यौन (sex) टॉनिक है।
इसके सेवन से दोनों लिंगों में यौन इच्छा और क्षमता अर्थात सेक्स पॉवर बढ़ती है और यौन संबंधी रोगों को भी दूर रखती है।
यह महिलाओं में बांझपन को दूर कर गर्भ धारण करने और मासिक धर्म चक्र ( menstrual cycles ) को नियंत्रित करने में सहायक है।
डिमेंशिया में कारगर
डिमेंशिया एक याददाश्त संबंधित बीमारी है जिसमें चीजों को याद रखने में व्यक्ति को परेशानी होती है। इसके अलावा सोचने समझने की क्षमता भी कम हो जाती है।
शिलाजीत इस समस्या का एक बेहतर हल हो सकता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। जो मानव मस्तिक की याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है।
वहीं इसका प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला इम्यूनोस्ट्यूमुलेंट गुण डिमेंशिया को ठीक करने में सहायक है। साथ ही यह मानव मस्तिक में मौजूद विषैले एवं हानिकारक तत्व को हटाता है।
ऐसे में इन सभी गुणों के सम्मिलित प्रभाव के तौर पर शिलाजीत डिमेंशिया बीमारी की समस्या से शरीर को छुटकारा दिलाता है।
बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करें
डिमेंशिया और अल्जाइमर्स जैसी बुढ़ापे में होने वाली दिमागी समस्याओं को राहत दिलाने के लिए शिलाजीत का सेवन एक बेहतर उपचार हो सकता है।
क्योंकि एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध शोध में यह जिक्र किया गया है कि शिलाजीत में एंटीएजिंग ( जो बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है ) इसके अलावा रेज्यूवेनेटिंग ( तरोताजा करने वाला ) जैसे गुण पाया जाता है।
यह दोनों गुण मिलकर शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं जिससे बढ़ती उम्र के शरीर पर दिखने वाला प्रभाव दूर हो जाता है।
शिलाजीत के नुकसान – Side Effetes of Shilajit in Hindi
शोध से पता चला है कि इसका लंबे समय तक औषधि के रूप में सेवन करना सुरक्षित है जब तक कि उसके संभावित नुकसान न दिखें।
परंतु कुछ परिस्थितियों में इसके नुकसान भी हो सकते हैं। जो इस प्रकार है :-
- अशुद्ध रूप से किया गया शिलाजीत का सेवन नशा जैसा होता है क्योंकि इसमें माइकोटॉक्सिन (फंगस द्वारा उत्पन्न एक विषैला पदार्थ) और फ्री रेडिकल्स आदि मौजूद होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
- प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला शिलाजीत की तासीर गर्म होती है। जिसकी वजह से इसका अधिक सेवन मानव सिर दर्द का कारण बनता है। गर्मियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- ऊपर हमने आपको यह बताया कि शिलाजीत ब्लड प्रेशर को कम करने में कारगर है। लेकिन इस बात का ख्याल रखें अगर आप ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं तो शिलाजीत के सेवन से पूर्व डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- शिलाजीत ब्लड शुगर को भी कम करने में सहायक है लेकिन इसके प्रयोग से पहले डॉक्टर की सलाह लें यदि आप टाइपिंग की दवा ले रहे हैं।
इस बात पर जरूर ध्यान दें कि कई लोग इसका सेवन केवल पुरुषत्व बढ़ाने के लिए ही करते है लेकिन इस प्राकृतिक पदार्थ के कई फायदे हैं जो हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
शिलाजीत बताई गई बीमारियों का सटीक इलाज नहीं है यह केवल उनसे बचाव या फिर बीमार न होने की अवस्था में सहायक है। वही इसके नुकसान से बचने के लिए इसका उपयोग डॉक्टरी परामर्श पर ही करें।
ऐसे ही सेहत और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य लेखन पढ़ने के लिए हमारी शिक्षित खेत ( EducateFarm ) वेबसाइट पर यूं ही आते रहे।
हमारी सामग्री सटीक और वर्तमान है अगर आप इस बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो एनसीबीआई की वेबसाइट पर Visit कर सकते है।
Frequently Asked Questions
हम जानते हैं कि शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है जिसमें कई गुण पाए जाते हैं। लिपिड, मिनरल और प्रोटीन के साथ 5 प्रतिशत स्टेरॉयड भी मौजूद होता है।
बेशक यह लीवर के लिए अच्छा है इसका सेवन लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और इसमें मौजूद प्राकृतिक खनिज पदार्थ लीवर को लंबे समय तक स्वस्थ रखते है।
शिलाजीत का उपयोग महिलाओं में प्रजनन क्षमता व यौन शक्ति (sexual vitality) को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा शिलाजीत महिलाओं में गर्भधारण के लिए अंडो के सक्रिय होने की प्रक्रिया ( ओवेल्यूशन ) को बढ़ावा देता है।
हां, यह पुरुषों में पुरुष स्पर्म को पुष्ट एवं स्वस्थ रखता है। इसके अलावा मर्दानगी यानी प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। शिलाजीत का सेवन यौन संबंधित रोगों को दूर रखता है। शिलाजीत एक उत्तम यौन (sex) टॉनिक है।