जब हमारे शरीर के किसी भी भाग में बड़े ऊतक-समूह की मृत्यु हो जाए तब उस स्थिति को कोथ ( गेंग्रीन अथवा मॉर्टिफिकेशन, Gangrene or Mortification ) कहते हैं। ऐसा होने के बहुत से कारण हो सकते है और यह जानलेवा स्थिति का संकेत है।
यदि किसी के शरीर में यह कोथ रोग हो गाया है, तो उसके शरीर की सभी कोशिकाएं धीरे-धीरे प्रभावित होने लगती है और एक दिन ऐसा आता है कि आपका शरीर सड़ने लगता है।
EducateFarm.in की इस लेख में हमने गैंग्रीन क्या है : Gangrene Kya Hai in Hindi, गैंग्रीन के प्रकार, गैंग्रीन के लक्षण, गैंग्रीन से बचाव, गैंग्रीन का इलाज, गैंग्रीन की जटिलताएं साथ ही साथ गैंग्रीन की दवाओं पर भी चर्चा की है।
गैंग्रीन क्या है : Gangrene Kya Hai in Hindi
इस संसार में प्रत्येक चीज पंचमहाभूत से ही मिलकर बनी है और आप सभी अच्छे से जानते है कि मानव शरीर पंचमहाभूतों जल ( Water), वायु ( Air ), पृथ्वी ( Earth ), अग्नि ( Fire ) और ( Sky ) आकाश से मिलकर बना है।
भगवान ने हमारे शरीर की रचना को बहुत ही अनोखा बनाया है और इसलिए इंसान यानी हम इस धरती के सबसे समझदार और सक्षम जीव माने जाते है।
हमारे मस्तिक में कई यैसी अद्भुत क्षमताएं ( Unique Capabilities ) होती हैं, जो कि हमें बाकी सभी जीवो ( Living Beings ) से अलग करती है।
इसके अलावा मानव शरीर की अद्भुत रचना के कारण इससे जुड़ी कई सारी बीमारियां और समस्या भी होती हैं, जिसमे कई बीमारियों का इलाज होता है वहीं कई बीमारियों का कोई इलाज नहीं होता है।
ऐसे में Ayurveda हमारी मदद कर सकता है, यह देश में काफी पुराने समय से है और इस आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज ( Treatment ) बताया गया है।
गैंग्रीन का अर्थ है :- “उत्तको का सड़ना”। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के बहुत से ऊतक नष्ट होने लगते हैं जिसका कारण मुख्य रूप से चोट, इन्फेक्शन या शरीर के किसी भाग में रक्त का ना जा पाना आदि होता है।
यह आपके शरीर की हर कोशिका को प्रभावित कर सकता है जो कि यह संकेत देता है कि यह गैंग्रीन कितना जानलेवा है।
गैंग्रीन (Gangrene Kya Hai in Hindi) हमारे शरीर के बाहरी और अंदरुनी त्वचा में विकसित होते है और इसके अलावा यह मांसपेशियों व शरीर के अंदरुनी अंगों में भी उत्पन्न हो जाते है। इसके लक्षणों में हमारे शरीर की त्वचा नीले रंग या काले रंग की हो जाती है इसके अलावा शरीर में दर्द होना, सुन्न हो जाना और त्वचा से बदबूदार द्रव बहना आदि शामिल है।
डॉक्टर आमतौर पर मरीज की स्थिति एवं उसके लक्षणों पर ध्यान देते है जिसे देखते हुए मरीज का इलाज किया जाता है।
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अगर मरीज की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है तो कुछ अन्य टेस्ट भी किए जाते हैं जिससे गैंग्रीन के प्रकार और वह शरीर में कितना फैल चुका है आदि का पता लगाया जाता है।
इस परीक्षण को एक्स रे और एमआरआई में किया जाता है। कोथ रोग से निजात पाने के काफी उपाय उपलब्ध हैं, जो इसे शरीर में विकसित होने के खतरेे को कम करने में शरीर की मदद करते हैं।
इस कोथ रोग के होने का मुख्य कारण शरीर में खून का सही ढंग से बहाव ना हो पाना है। शरीर में खून का बहाव को कम कर देने वाली डायबिटीज जैसी स्थितियों से बचाव करना, शराब व धूम्रपान छोड़ना आदि उपायों से खून का बहाव कम किया जा सकता है।
इसके अलावा आप अच्छा व संतुलित आहार एवं एक्सरसाइज कर सकते हैं जिससे खून का बहाव स्वस्थ रहता है। गैंग्रीन रोग यदि आपके शरीर में बहुत अधिक बढ़ गया है तो उस भाग को जो प्रभावित हो चुका है, उसे काटना पड़ता है।
गैंग्रीन के प्रकार : Types of Gangrene Kya Hai in Hindi
गैंग्रीन रोग मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं :-
सूखा गैंग्रीन ( Dry Gangrene ) :- सूखा गैंग्रीन ( Dry Gangrene ) आपके शरीर के बाहरी हिस्से में विकसित होता है। ऐसा होने का मुख्य कारण खून का हमारे शरीर के अंगों तक ना पहुंचना होता है।
यह शुष्क गैंग्रीन रोग वृद्ध व्यक्तियों में ज्यादा होता है। आमतौर पर उनके पैरों और उंगलियों पर विकसित होता है, जिसका कारण आर्टेरियोस्क्लेरोसिस ( Arteriosclerosis ) बीमारी भी हो सकता है।
यह आपके शरीर में धीरे-धीरे बढ़ते हुए ऊतकों तक पहुंच उसे काफी प्रभावित करता है जिसके कारण त्वचा सूख कर सिकुड़ने लगती है और उसका रंग भी बदल कर गहरा लाल-काला हो जाता है।
नम गैंग्रीन ( वेट गैंग्रीन ) :- यह हमारे शरीर के उन ऊतकों में होता है जो नम अवस्था में होते है। जैसे आंत, सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा), मुंह, फेफड़े और वल्वा (Vulva) आदि।
इसके अलावा नम गैंग्रीन कूल्हे व एड़ियों पर भी होता है जो कि आमतौर पर बेड सोर्स वाले कुछ बैक्टीरिया से संबंधित है।
सेप्टिसीमिया के कारण इस वेट गैंग्रीन का निदान मुश्किल है क्योंकि सूखा गैंग्रीन (Dry Gangrene) प्रभावित क्षेत्र में रक्त को रोक कर रखता है जिससे बैक्टीरिया हमारे शरीर में तेजी से बढ़ने लग जाते हैं।
गैस गैंग्रीन ( Gas Gangrene ) :- यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो हमारे शरीर के ऊतकों में गैस पैदा कर देता है जिसके कारण यह संक्रमण हमारे शरीर में बहुत तेजी से फैलता है।
यह गैंग्रीन का सबसे गंभीर प्रकार है क्योंकि इसमें बैक्टीरिया द्वारा पैदा की गई गैस हमारे शरीर के आस-पास स्वस्थ ऊतकों में तेजी से फैलता है और शरीर के ऊतकों में बहुत तेजी से फैलने के कारण इस स्थिति को गंभीरता से लिया जाता है और एक मेडिकल इमर्जेंसी के रूप में इसका इलाज संभव है।
Note :- इन तीनों के अलावा इसके और दो रूप है जो कि Fourneir’s gangrene or Meleney’s gangrene है।
गैंग्रीन के लक्षण : Gangrene Symptoms in Hindi
- गैंग्रीन रोग से हमारे शरीर की Infected Area बिल्कुल सुन हो जाती है जिसमें किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया या व्यवहार नहीं होता है।
- गैंग्रीन रोग से प्रभावित क्षेत्र में ठंडा, गर्म या दर्द ( Pain ) का महसूस ना होना।
- प्रभावित हिस्से में दर्द होना और कुछ समय के बाद अंग को महसूस ना कर पाना व ना ही हिला पाना आदि।
- प्रभावित हिस्से की त्वचा का ठंडी हो जाना और धमनियों का कंपन होना बंद हो जाना।
- गैंग्रीन से प्रभावित Area का Colour धीरे-धीरे बदलने लगना। शुरू में वह हल्का पीला (yellow) उसके बाद फिर बैंगनी ( Purple ) , भुरा ( Brown ) और अंत में हरा ( Green ) या बिल्कुल काला ( Black ) हो जाना।
- गैंग्रीन का infection हमारे शरीर में बहुत तेजी से फैलना और काफी कम समय में ज्यादा Area Infect कर देना।
- इसके अलावा हमारे शरीर की त्वचा का चमकदार दिखाई देना व पपड़ी उतरना आदि।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपके शरीर में किसी Area में लगातार दर्द हो रहा है और उसके कारण का पता नहीं चल रहा है इसके अलावा यदि आपको बुखार, घाव या फिर त्वचा के रंग में किसी प्रकार का बदलाव महसूस हो रहा है, तो जितना जल्दी हो सकते डॉक्टर के पास चले जाएं और उन्हें अपने समस्या के बारे में पूरी जानकारी दें।
गैंग्रीन के कारण व जोखिम कारक : Gangrene Causes & Risk Factors in Hindi
हमें पता है कि रक्त हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। रक्त हमारे शरीर में न केवल पूरे शरीर की कोशिकाओं को पोषक तत्व पहुंचाता है बल्कि ऑक्सीजन भी देता है।
इसके अलवा खून हमारे शरीर में एंटीबॉडी भी वहन करता है जो पूरे शरीर में संक्रमण से लड़ते हैं। खून का सही तरीके से अंगों तक ना पहुंचना ही कोथ रोग होने का सबसे प्रमुख कारण है।
किसी कारण अगर रक्त हमारे शरीर के किसी भी हिस्से तक नहीं पहुंचती तो वहां की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और जिससे हमें गैंग्रीन जैसा गंभीर संक्रमण हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के ऊतक नष्ट होने लगते हैं।
रक्त प्रवाह को प्रभावित करने वाली कोई भी समस्या गैंग्रीन जैसा गंभीर संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकती है।
गैंग्रीन होने का खतरा कब बढ़ता है?
गैंग्रीन होने का जोखिम आपके शरीर में कुछ शारीरिक स्थितियां व अन्य कारक के वजह से भी हो सकते हैं, जिससे आपके गैंग्रीन रोग होने का खतरा बढ़ जाता हैं। इनमें शामिल हैं :-
डायबिटीज व मधुमेह | खून के थक्के बनना |
हर्निया | अपेंडिक्स |
गंभीर जलन | धूम्रपान करना |
सिर में चोट लगना | बाहरी धमनी की बीमारी |
शराब की लत | एचआईवी एड्स |
रेनॉड सिंड्रोम | आर्टरियोस्क्लेरॉसिस |
किसी जानवर द्वारा काट लेना | गंभीर रूप से शीतदंश का होना |
गैंग्रीन को कैसे रोकें? : Prevention of Gangrene in Hindi
यहां पर विशेषज्ञों द्वारा कुछ निम्नलिखित सुझाव है जो गैंग्रीन रोग के विकास के जोखिम को कम करने में शरीर की मदद करता हैं। और यदि यह उपाय आपके शरीर पर Work नहीं करती है तो तुरंत अपने डॉक्टर या चिकित्सक से परामर्श करें।
मधुमेह व डायबिटीज की देखभाल :- यदि आप मधुमेह व डायबिटीज से पीड़ित है, तो नियमित रूप से अपने हाथों व पैरों की जांच कराते रहें क्योंकि हो सकता है उनमें किसी प्रकार का खरोंच, कट या फिर लालिमा, सूजन व द्रव आदि हो और अगर ऐसा है तो तुरंत उसका उपचार करे।
आपको साल में कम से कम एक बार अपने डॉक्टर से हाथों व पैरों की जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा शुगर के स्तर को भी कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए।
वजन घटाना :- वजन घटाने से गैंग्रीन के जोखिम खतरों से बचा जा सकता है। मोटापा एक ऐसी समस्या है जिसे कारण बहुत सी बीमारियां आपके शरीर में घर बना लेते हैं।
और आप जानते हैं की मोटापा सिर्फ डायबिटीज होने का ही खतरा नहीं है इसके साथ-साथ धमनियों पर दबाव पड़ना, खून का बहाव कम हो जाना, इन्फेक्शन होना शादी का खतरा बना रहता है।
धूम्रपान ना करना :- यदि आप लंबे समय से तंबाकू के उत्पादों का सेवन कर रहे हैं तो तुरंत इसका उपयोग बंद कर दे क्योंकि यह रक्त वाहिकाओ को क्षतिग्रस्त करता है।
शरीर के तापमान की देखभाल :- कभी कभी गैंग्रीन संक्रमण त्वचा में ठण्ड के कारण भी होता है। यह हमारे शरीर के प्रभावित क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को कम करता है और उसे Area को पूरी तरह से Infected कर देता है।
यदि आपको लगता है कि आपके शरीर का कोई हिस्सा कठोर, पीला और सुन्न हो गया है, या अधिक समय तक अत्यधिक ठंड या बर्फ के संपर्क में है, तो अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द मदद लेनी चाहिए। हो सकता है कि आप गैंग्रीन संक्रमण के शिकार हो गए हो।
इन्फेक्शन की रोकथाम करें :- यदि आपकी त्वचा पर किसी भी प्रकार का घाव लबे समय से है तो उसके इलाज के लिए आपको हल्की साबुन का उपयोग करना चाहिए।
रोज अपने चेहरे को साबुन से धोएं और उसे Dust Clean रखे। जब तक कि घाव ठीक नहीं हो जाता अपने चेहरे का अच्छी तरह से ध्यान रखना चाहिए। ऎसा करने से गैंग्रीन संक्रमण से बचा जा सकता है।
गैंग्रीन का परीक्षण कैसे करें? : Diagnosis of Gangrene in Hindi
डॉक्टर इस बारे में पता लगाने के लिए आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे और इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थिति के बारे में पूछेंगे।
चिकित्सक ऐसा इसलिए करते है ताकि आपकी स्थिति के लक्षणों का पता लगाया जा सके और इन्फेक्शन या चोट आदि जैसी स्थिति को ठीक किया जा सके।
यदि आपके डॉक्टर को गैंग्रीन संक्रमण का संदेह है, तो अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं। इनकी मदद से गैंग्रीन के प्रकार और वह कितना फैल गया है आपके शरीर में आदि की जांच की जाती है।
गैंग्रीन की जांच करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट कर सकते हैं। जैसे :- एक्स रे, इमेजिंग टेस्ट, बैक्टीरियल कल्चर, कम्पलीट ब्लड काउंट, बायोप्सी आदि।
गैंग्रीन का इलाज कैसे किया जाता है? : Gangrene Treatment in Hindi
हमारे शरीर में गैंग्रीन रोग के कारण जो ऊतक नष्ट हो चुके हैं, उन्हें ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ उपाय करके बचे हुऐ स्वस्थ ऊतकों में गैंग्रीन होने से बचाव कर सकते हैं।
इस रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है कि इसके उपचार के लिए कौन सा तरीका सही रहेगा इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह लें सकते हो।
यदि आपके शरीर के किसी हिस्से में किसी कारण पर्याप्त मात्रा में खून ना पहुंचे तो समझ जाए कि आपको गैंग्रीन हो सकता है। ये संकेतिक है, हो सकता है कोई अन्य बीमारी हो लेकिन गैंग्रीन है तो तुरत रक्त वाहिकाओं को ठीक करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
यदि गैंग्रीन रोग किसी अन्य प्रकार के बीमारी के कारण हुआ है, तो उसका इलाज करने के लिए शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स दी जाती है इसके अलावा ऑपरेशन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
गैंग्रीन से क्या जटिलताएं होती हैं? : Gangrene Complications in Hindi
बहुत बार ऐसा होता है कि बिना कोई गंभीर जटिलता पैदा हुऐ गैंग्रीन का इलाज हो जाता है। खासकर तब संभव हो पाता है, जब इसका पता हमें समय रहते हो जाएं।
लेकिन कुछ गंभीर मामलों में प्रभावित अंग को कटवाना पड़ता है। इसलिए समय रह ते इसका इलाज करे।
एम्प्युटेशन एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमें प्रभावित अंग को काटा जाता है।
कुछ गंभीर मामलों में जब उंगली या फिर पूरा अंग क्षतिग्रस्त होकर पूरी तरह से नष्ट हो जाता है तब इलाज करने का कोई भी विकल्प नहीं बचता ऐसी स्थिति में एम्प्युटेशन की प्रक्रिया अपनायी जाती है यानि उस अंग को काटकर अलग कर देना।
एम्प्युटेशन से गैंग्रीन रोग को अन्य अंगों तक फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह क्षतिग्रस्त अंग को हटा दिया जाता है और उसकी जगह कृत्रिम अंग लगाया जाता है।
गैंग्रीन की दवा : Medicines for Gangrene in Hindi
गैंग्रीन रोग के लिए Market में बहुत सी दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं।
लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।
Medicine Name | Pack Size | Price (Rs.) |
Mama Natura Anekind | Schwabe Anekind Globules | 99.0 |
Bhargava Allergin Drop | Bhargava Allergin Drop | 160.0 |
Allen Snorid Drop | Allen Snorid Drop | 160.0 |
1. गैंग्रीन क्या हैं?
गैंग्रीन रोग में शरीर के कई अंग सड़ने लगते है और इस बीमारी के कारण हमारे शरीर में नई कोशिकाएं विकशित नही होती है तथा पुरानी कोशिकाए भी मर जाती है। सरल भाषा में कहा जाए तो गैंग्रीन का अर्थ – “उत्तको का सड़ना” होता है।
2. गैंग्रीन के कितने प्रकार होते है?
गैंग्रीन रोग मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं – सूखा गैंग्रीन ( Dry Gangrene ), नम गैंग्रीन ( वेट गैंग्रीन ) और गैस गैंग्रीन ( Gas Gangrene )।
3. गैंग्रीन कैसे होता है?
गैंग्रीन रोग होने के कई कारण हो सकते है। जिसमे मुख्य कारण रक्त का हमारे शरीर के किसी भी हिस्से तक नहीं पहुंचना होता है और ऐसा होने पर वहां की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं, जिससे हमें गैंग्रीन जैसा गंभीर संक्रमण हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के ऊतक नष्ट होने लगते हैं।